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Monday, 18 October 2021

How Often Normally Should You Have Sex

 

सेक्स जिंदगी का एक खास पल होता है जिसको लेकर सभी के मन में कई तरह के सवाल उठते हैं। इससे जुडे कई जटिल प्रश्न हैं जिनका सटीक तरह से उत्तर दे पाना संभव नहीं। कई महिलाओं एवं पुरूषों के मन में सेक्स को लेकर यह सवाल उठता है कि कितनी बार सेक्स करना चाहिये।
 
सेक्स करने की किसी भी संख्या को सामान्य नहीं कहा जा सकता और इसकी कोई निश्चित संख्या तय नहीं की जा सकती। हर व्यक्ति की शारिरिक इच्छाएं और क्षमताएं अलग होती हैं। यह साथी की ईच्छाओं के साथ साथ अन्य कई कारकों पर भी निर्भर करता है। कितनी बार सेक्स करना है यह आपके आपसी तालमेल पर निर्भर करता है जिसमें आपका लक्ष्य अपने साथी की खुशी होना चाहिए। सेक्स की क्रिया से दोनों को बराबर आनंद मिलता है। यह वह सुख या परम आनंद है जिसका अहसास दो लोग एक साथ मिलकर करते हैं। 

कुछ लोगों का मानना है कि हफ्ते में बस एक या दो बार सहवास करना पर्याप्त होता है जबकि कुछ मानते हैं कि महीने में एक या दो बार ही काफी होता है। अलग-अलग लोगों की सेक्स के बारे में राय अलग-अलग होती है इसलिए बेहतर यही होगा कि किसी भी गिनती के चक्कर में न पड़कर सेक्स का इच्छानुसार भरपूर आनंद उठाएं।

लोगों की यह भी धारणा है कि ज्यादा सेक्स करने से कमजोरी आ जाती है परन्तु ये भी एक गलत धारणा है। सेक्स करने से कोई कमजोरी नहीं आती। कुछ लोग यह भी मानते हैं कि सेक्स केवल बच्चे पैदा करने के लिए ही किया जाना चाहिए और अन्य समय में कभी कभी ही सेक्स करना चाहिए। ये भी गलत धारणाएं है जिनका शारिरिक स्वास्थ्य से कोई लेना देना नहीं। प्रजनन के अलावा सेक्स अंतरंगता और आनंद का भी अहसास कराता है। 

विशेषज्ञों के अनुसार तो सेक्स करना स्वास्थ्य के लिये फायदेमंद होता है जिससे कई फायदे होते हैं जैसे:

  • इम्यूनिटी बढती है
  • केलोरीज़ बर्न होती हैं 
  • सेहत अच्छी रहती है
  • स्ट्रेस हॉरमोन कम होते हैं
  • दर्द निवारक का काम करता है
  • आनंद की अनुभूति होती है और तनाव कम होता है
  • रक्त संचार सुधरता है और हृदय के लिये लाभकारी 
  • ब्लड प्रेशर कम होता है
  • मांसपेंशियों को मजबूती देता है
  • हाइपरटेंशन होने का खतरा कम होता है
  • नींद सुकून भरी और गहरी आती है। 
  • चेहरे पर निखार आता है। 


सेक्स करना शादी के तुरंत बाद के संबंध के लिये बेशक जरूरी है। इससे आपसी संबंध मधुर हो जाते हैं। सेक्स ढंग से नहीं होने पर या उसकी आवृति कम होने पर आपसी तवाव हो सकते हैं। कई लोग तनाव कम करने के लिए सेक्स करते हैं और लडाई ठीक करने के लिए भी सेक्स का ही सहारा लेते हैं। सेक्स का शादी शुदा जीवन में महत्वपूर्ण स्थान। इसकी उपेक्षा नहीं करना चाहिए।कम सेक्स करने से रिश्ते की मज़बूती को लेकर कई लोगों के मन में सवाल उठते हैं। उन्हें ये लगता है कि कम सेक्स करने से उनका रिश्ता कमज़ोर ना हो जाये। परन्तु ऐसा सोचना गलत धारणा है। रोजमर्रा की जिन्दगी में सेक्स करने से आपको हर वक्त खुशी की अहसास होता है और आपका आपके पार्टनर के प्रति विश्वास गहरा होता है। 

सेक्स मानव जिन्दगी का एक अभिन्न अंग है और खुशियों की वजह भी। क्योंकि सेक्स से तनाव और अवसाद दोनों कम होते हैं। इसलिए हम चाह कर भी इसे अनदेखा नहीं कर सकते हैं। सेक्स करते समय महिला हो या फिर पुरुष, दोनों की ही भावनाएं चरम सीमा पर होती हैं और भावनात्मक लाभ की प्राप्ति होती है जिससे तनाव दूर हो जाता है। 

सेक्स आपको आनंद देता है इसलिये कितनी बार करना इस बात पर ध्यान न देते हुए इसका आनंद लेने पर अधिक ज़ोर देना चाहिये। उम्र के साथ साथ सेक्स की आदतों में भी परिवर्तन आता है। इसलिये सेक्स को जीवन का एक अभिन्न अंग मानते हुए भ्रान्तियों पर ना ध्यान देते हुए सिर्फ अपने साथी के साथ उन खूबसूरत पलों का आनंद उठायें। 

अधिक जानकारी या व्यक्तिगत मार्गदर्शन के लिए- 
कृपया विवान हॉस्पिटल के चिकित्सा विशेषज्ञ से ज़रूर बात करें या +919166 300 200 पर कॉल करें।

Saturday, 9 October 2021

How Diabetes Can Affect Men's Sexual Life

 

आईएसएसएम संचार समिति के चिकित्सा पेशेवरों द्वारा समीक्षित

मधुमेह एक आम वैश्विक बीमारी है। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए यौन स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं के साथ जीवन के हर पहलू को प्रभावित करता है। ऐसे लोग उच्च रक्तचाप, अधिक वजन, मोटापा, मेटाबोलिक सिंड्रोम आदि समस्याओं से जूझते हैं जिससे यौन स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ता है।

जब किसी व्यक्ति को मधुमेह होता है तो उसका शरीर इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पाता है और इससे ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है जिससे कई जटिल समस्याएँ हो सकती हैं जिनका यौन स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ सकता है।

पुरुषों पर मधुमेह के कारण यौन समस्याएँ
मधुमेह का पुरुष के यौन जीवन पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। उच्च ब्लड शुगर अच्छे यौन क्रिया के लिए आवश्यक नसों और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। यह पुरुषों में कामुकता को प्रभावित करने वाली अन्य स्थितियों के जोखिम को भी बढ़ा सकता है।

स्तंभन दोष (इरेक्टाइल डिसफंक्शन - ईडी) 
यह मधुमेह वाले पुरुषों के लिए एक आम समस्या है। बिना मधुमेह वाले पुरुषों की तुलना में स्तंभन दोष की समस्या मधुमेह वाले पुरुषों में लगभग तीन गुना अधिक होती है। ऐसे पुरुष ये समस्या 10 से 15 साल पहले विकसित करने की अधिक संभावना रखते हैं।

कई पुरुषों के लिए ईडी एक ऐसा लक्षण है जो मधुमेह के निदान की ओर ले जाता है। उच्च ब्लड शुगर रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है और चूंकि लिंग में रक्त वाहिकाएं बहुत छोटी होती हैं, इसलिए वे सबसे पहले प्रभावित हो सकती हैं। उच्च ब्लड शुगर इरेक्शन से जुड़ी नसों को दीर्घकालिक नुकसान पहुंचा सकता है।

कई पुरुष अपने मधुमेह को अच्छी तरह से नियंत्रण में करके इरेक्शन में सुधार कर सकते हैं। ईडी के कई प्रभावी उपचार भी हैं।

मधुमेह पुरुषों को प्रभावित करने वाली इन यौन समस्याओं से भी जुड़ा है:

पेरोनी रोग: प्लेक्स के कारण लिंग काफी वक्र हो सकता है। पेयरोनी रोग वाले कुछ पुरुषों में स्तंभन दोष विकसित होता है।

कम टेस्टोस्टेरोन: इसे टेस्टोस्टेरोन की कमी भी कहा जाता है। "टेस्टोस्टेरोन का कम स्तर" कामेच्छा की कमी, स्तंभन दोष, थकान, उदासीनता और अन्य लक्षणों से जुड़ा हुआ है।

प्रतिगामी स्खलन: प्रतिगामी स्खलन के साथ, वीर्य लिंग से आगे की बजाय मूत्राशय में पीछे की ओर जाता है।

शीघ्रपतन: शीघ्रपतन वाले पुरुष अपनी इच्छा से पहले ही संभोग सुख तक पहुंच जाते हैं।

विलंबित स्खलन: विलंबित स्खलन वाले पुरुषों को स्खलन में परेशानी होती है या संभोग सुख तक पहुंचने में अधिक समय लगता है।

एनोर्गास्मिया या कमजोर कामोन्माद संवेदनाएं: ऐसी स्थिति में पुरुष संभोग तक बिल्कुल नहीं पहुंच सकते हैं और यदि वे पहुँचते भी हैं तो भी संवेदनाएं उतनी तीव्र नहीं होती हैं।

इसके अलावा मधुमेह एक आदमी के मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है। मधुमेह को नियंत्रण में रखना एक चुनौती हो सकती है। नियमित रूप से ब्लड शुगर का परीक्षण करना, आहार संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करना और उचित समय पर दवाएं और इंसुलिन लेना आवश्यक है। मधुमेह वाले कुछ लोग तनावग्रस्त, उदास और चिंतित महसूस करते हैं और ये भावनाएं सेक्स ड्राइव और यौन आनंद में हस्तक्षेप कर सकती हैं।

दवा और उपचार के साथ स्वस्थ दिनचर्या

सौभाग्य से, मधुमेह से जुड़े यौन मुद्दों का इलाज किया जा सकता है। आपका डॉक्टर यह तय करने में आपकी मदद कर सकता है कि आपके लिए कौन से उपचार सर्वोत्तम हैं। यदि आप और आपका साथी आपके रिश्ते को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, तो काउंसलर या सेक्स थेरेपिस्ट को दिखाना मददगार हो सकता है।

आप स्वस्थ आदतों को दिनचर्या में अपना कर यौन स्वास्थ्य में सुधार ला सकते हैं:

  • नियमित रूप से अपने ब्लड शुगर की जांच करें और उसके माप पर ध्यान दें।
  • मधुमेह आहार का पालन करें। अधिक जानकारी के लिए आप किसी पोषण विशेषज्ञ से बात करने पर विचार कर सकते हैं।
  • अपनी दवाएं और इंसुलिन निर्देशानुसार लें।
  • अपनी दिनचर्या में व्यायाम को शामिल करें और फिट रहें।
  • यदि आपका वजन अधिक है तो अतिरिक्त वजन खोने का प्रयास करें।
  • शराब का सेवन सीमित करें।
  • यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो उसे छोड़ दें। आपका डॉक्टर आपको धूम्रपान बंद करने की योजना बनाने में मदद कर सकता है।

एक व्यक्ति के उपचार से सम्बंधित निर्णय चाहे जो भी हों, यदि मधुमेह उनके यौन क्रिया को प्रभावित करता है तो उन्हें कभी भी शर्म या असहज महसूस नहीं करना चाहिए। एक विश्वसनीय चिकित्सक के पास परामर्श करना और अपने साथी के साथ एक खुल कर ईमानदारी से चर्चा करना, बेहतर यौन जीवन के साथ एक स्वस्थ जीवन जीने में समग्र रूप से मदद कर सकता है।

यदि आप को लगता है कि कोई सेक्स समस्या है तो आप विवान हॉस्पिटल में अपॉइंटमेंट् ले सकते है। हर मरीज़ की व्यक्तिगत जानकारी पूरी तरह गुप्त रखी जाती है । यह एक अत्याधुनिक हॉस्पिटल है जो सेक्शूअल हेल्थ को समर्पित है। हमारे यहाँ अनुभवी सेक्सोलॉजिस्ट की टीम है। यह जयपुर का बेस्ट सेक्सोलॉजिस्ट ( Best Sexologist in Jaipur) है।

Thursday, 7 October 2021

What is the reason that you are unable to reach the climax while having sex, but reach through masturbation?

 


अक्सर ये सवाल उठता हैं कि जब भी पार्टनर के संग सेक्स करते है तो क्लाइमेक्स पर नहीं पहुंच पाते , लेकिन मास्टरबेशन करते वक्त  तो क्लाइमेक्स पर पहुंच जाते है  और  सेक्स के बाद  पार्टनर को झूठ बोलना पड़ता है कि मैं क्लाइमेक्स पर पहुंच गई। क्या यह समस्या दूर हो सकती है?

इसका जवाब है, कई बार हकीकत से ज्यादा,  काल्पनिक विचार अच्छे लगते है, सेक्स और मास्टरबेशन में भी यही अंतर है। सेक्स जहां हकीकत है, वहीं मास्टरबेशन एक   काल्पनिक विचार। सच तो यह है कि एक सुखद और आनंदमय सेक्स कई बातों पर निर्भर करता है।

  • इनमें सबसे पहले सेक्स की इच्छा  होती है। अगर किसी वजह से महिला को सेक्स की इच्छा न हो, लेकिन पार्टनर को खुश करने के लिए बिना इच्छा के भी वह सेक्स के लिए तैयार हो जाए तो यह मुमकिन है कि वह क्लाइमेक्स तक न पहुंचे क्योंकि सेक्स की इच्छा न होने से उस महिला की फोरप्ले में दिलचस्पी भी कम ही होगी। जब फोरप्ले कम होगा तो चिकनापन भी कम होगा और फिर क्लाइमेक्स की संभावना कम हो जाएगी।
  • एक पुरुष के रूप में खुद की संतुष्टि एक महत्वपूर्ण यौन कदम है; यह सीखने का एक तरीका है कि आपका शरीर कैसे काम करता है। हालांकि, कभी-कभी किसी व्यक्ति की मास्टरबेशन करने की कला वह होती है जो आसानी से अपने सेक्स पार्टनर से नहीं मेल खाती। उदाहरण के लिए, यदि किसी पुरुष को मास्टरबेशन की बहुत सख्त आदत हो जाती है, तो कोई भी वेजाइना उसे आवश्यक घर्षण प्रदान नहीं करेगी। अपनी खुद की संतुष्टि  पर विचार करें - क्या आपको एक अलग प्रकार के स्ट्रोक या दबाव का अभ्यास करने की आवश्यकता  है जो वेजाइनल क्लाइमेक्स के लिए अधिक अनुकूल हो सकता है?
  • संभोग के दौरान एक और बाधा फोकस की कमी हो सकती है। कुछ लोग आसानी से विचलित हो जाते हैं, और यह सेक्सयुअल प्रतिक्रिया में अड़चने पैदा कर सकती हैं । और  यदि ऐसा है, तो केवल संवेदना, आनंद देने और प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करें।
  • गर्भावस्था, बीमारी या नियंत्रण के नुकसान का एक अंदरूनी डर भी संतोषजनक संभोग के लिए हानिकारक हो सकता है। लेकिन चूंकि आप अपने सेक्स लाइफ का आनंद लेते हैं, तो शायद आप इन चीज़ो के बारे में नहीं सोचते । जितना अधिक आप इसके बारे में चिंता करते हैं, उतनी ही कम संभावना है कि आप अपनी इच्छा के अनुसार क्लाइमेक्स पर पहुंचेंगे।

पार्टनर की दिलचस्पी बढ़ जाएगी  -

यहां इस बात को समझना भी जरूरी है कि कई बार महिलाओं की इच्छा न होने पर पुरुष पार्टनर की जिम्मेदारी है कि वह महिला को इसके लिए प्यार से तैयार करे। उसकी पसंद-नापसंद के बारे में पूछें । इससे  फोरप्ले में महिला पार्टनर की दिलचस्पी व इच्छा बढ़ जाएगी। फिर सही लुब्रिकेशन भी हो जाएगा और क्लाइमैक्स की संभावना भी बढ़ जाती है।

सेक्स सफर का आनंद कुछ और ही हैं -

एक सच्चाई यह भी है कि मास्टरबेशन में लोग आसानी से क्लाइमेक्स तक इसलिए पहुंच जाते हैं क्योंकि इसमें न पार्टनर को खुश करने का दबाव रहता है और न ही ज्यादा देर की रुकावट। इसलिए कई लोग आसानी से मास्टरबेशन से क्लाइमेक्स तक पहुंचना पसंद करते हैं। भले ही सेक्स का मकसद क्लाइमेक्स हो, लेकिन सेक्स के सफर का आनंद भी कुछ कम नहीं होता।

बाजार में उपलब्ध दवाईयाँ  -

डॉक्टर की सलाह से कई दवाएं बाजार में मौजूद हैं जिससे पुरुष पार्टनर के जल्दी डिस्चार्ज की समस्या अमूमन दूर हो जाती है। दूसरी बात यह है कि अपने पार्टनर को खुलकर बता दें कि आप सेक्स के दौरान क्लाइमेक्स तक नहीं पहुंच पाते हैं । ऐसे में आपके पार्टनर भी आपको  दूसरे तरीके से क्लाइमेक्स पर पहुंचा सकते हैं।

यदि आप को लगता है कि कोई सेक्स समस्या है तो आप विवान हॉस्पिटल में अपॉइंटमेंट् ले सकते है। हर मरीज़ की व्यक्तिगत जानकारी पूरी तरह गुप्त रखी जाती है । यह एक अत्याधुनिक हॉस्पिटल है जो सेक्शूअल हेल्थ को समर्पित है। हमारे यहाँ अनुभवी सेक्सोलॉजिस्ट की टीम है। यहाँ जयपुर का बेस्ट सेक्सोलॉजिस्ट मौजूद है।

Tuesday, 28 September 2021

What are some of the effects of excess pornography use?

 

आईएसएसएम संचार समिति के चिकित्सा पेशेवरों द्वारा समीक्षित

पोर्नोग्राफी के उपयोग के प्रभाव बहस का विषय रहे हैं। अपने यौन जीवन को और अधिक रोमांचक बनाने के लिए कुछ जोड़े एक साथ पोर्नोग्राफी का उपयोग करते हैं (उदाहरण के लिए एक साथ वीडियो देखना या इरोटिका पढ़ना)। पोर्न का 

एक साथ उपयोग जोड़ों को उन तरीकों के बारे में भी ज्ञान प्रदान कर सकता है जिन्हें वे आजमाना चाहते हैं।

हालांकि कुछ लोगों के लिए पोर्नोग्राफी अस्वस्थ भी हो सकती है। निरंतर पोर्नोग्राफ़ी का उपयोग किसी व्यक्ति के रिश्तों, मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक और कार्य संबंधों एवं यौन क्रिया पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।

पोर्नोग्राफी मन की संवेदनाओं को बदल देती है । इसका उपयोग बड़ी आसानी से आदत बन सकता है, जो बदले में गहरी असंवेदनशीलता, ऊब, वास्तविकता के परे विकृत विचारों का जन्म और महिलाओं को सिर्फ एक वस्तु मानने के लिए बाध्य कर देता है। पोर्नोग्राफी के अधिक उपयोग से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम में वृद्धि के साथ सेक्स-आधारित अपराध करने की अधिक संभावना भी शामिल है।

निरंतर पोर्नोग्राफ़ी के उपयोग से उत्पन्न समस्याएं

  1. मनशरीर और आत्मा पर प्रभाव: पोर्नोग्राफी की व्यक्तिगत और उसकी सामाजिक कार्यप्रणाली को कमजोर करने की शक्ति शक्तिशाली और गहरी है। अश्लीलता, कामुकता के प्रतिनिधित्व के रूप में ये दृश्य यौन संबंधों की एक व्यक्ति की अवधारणा को विकृत कर देते हैं जो बदले में यौन व्यवहार के साथ साथ आम व्यवहार को भी बदल देते हैं। यह शादी, परिवार, बच्चों और व्यक्तिगत खुशी के लिए एक बड़ा खतरा है।
  1. रिश्तों से जुडी समस्याएँ: पोर्नोग्राफी का निरंतर उपयोग लोगों की सेक्स से जुडी अवास्तविक उम्मीदें बड़ा सकता है। वे अपने साथी से यौन गतिविधियों के दौरान एक निश्चित तरीके से देखने या कार्य करने की अपेक्षा करने लगते हैं। पार्टनर खुद को अपर्याप्त, असुरक्षित और बहिष्कृत महसूस कर सकते हैं। दंपत्तियों के बीच नाराजगी, तर्क-वितर्क, एक दुसरे के प्रति सम्मान, संवाद और अंतरंगता में कमी हो सकती है।
  1. यौन संचारित रोग और विवाह से बाहर गर्भावस्था: चूंकि पोर्नोग्राफ़ी यौन व्यवहार और आम व्यवहार को प्रोत्साहित करती है, इसलिए पोर्नोग्राफ़ी के उपयोगकर्ताओं में यौन संचारित रोग होने या विवाह से बाहर गर्भधारण करने की संभावना अधिक होती है। बिना कंडोम के संभोग का पोर्नोग्राफी में चित्रण, यौन संचारित रोग को अनुबंधित करने के लिए एक निमंत्रण है।
  1. सामाजिक और व्यावसायिक समस्याएं: बहुत अधिक पोर्नोग्राफी का उपयोग कुछ लोगों को अपने दोस्तों और परिवार से खुद को अलग करने का एक बड़ा कारण बन सकता है। उनके काम पर असर पड़ सकता है या उन्हें अपने कार्यस्थल पर पोर्नोग्राफी का उपयोग करने के लिए निकाल दिया जा सकता है। अगर पोर्नोग्राफी पर वे ज़रूरत से ज्यादा पैसा खर्च करते हैं, तो उन्हें आर्थिक परेशानी भी हो सकती है।
  1. यौन व्यसन: पोर्नोग्राफी अत्यधिक व्यसनी हैं और यौन बाध्यकारी व्यवहार को जन्म दे सकता है (जो जीवन में अन्य प्रमुख कार्यों को करने के लिए एक व्यक्ति की क्षमता को कम करता है)।
  1. आक्रामकता और दुर्व्यवहार: कभी कभी पोर्नोग्राफी में अश्लील साहित्य का तीव्र उपयोग यौन आक्रामकता को बढावा देता है और इसके लगातार प्रयोग से यौन उदासीनता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
  1. यौन सम्बन्धी समस्याएँ: कुछ पुरुष पोर्नोग्राफी देखते समय हस्तमैथुन करने पर इरेक्शन और स्खलन से जुडी कठिनाइयों का सामना करते हैं। समय के साथ  उन्हें लगता है कि वे अपने वास्तविक साथी से असंवेदनशील हो गए हैं। उन्हें ऐसा लग सकता है कि पार्टनर इरेक्शन या ओर्गास्म के लिए “पर्याप्त” नहीं है और उन्हें किसी भी अन्य व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने के लिए पोर्नोग्राफी की आवश्यकता है।

पोर्नोग्राफी पर हुए अध्ययन

जनवरी 2019 में, जर्नल ऑफ सेक्सुअल मेडिसिन पेपर ने पुरुषों के इरेक्शन पर “मात्र” और “समस्याग्रस्त” पोर्नोग्राफ़ी के उपयोग के प्रभावों पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। एक अध्ययन में, जिसमें पोर्नोग्राफी का उपयोग करते हुए 800 से अधिक यौन सक्रिय पुरुष शामिल थे,  शोधकर्ताओं ने स्तंभन समस्याओं को  “दुर्लभ” बताया। लेकिन जिन पुरुषों ने महसूस किया कि उनका उपयोग समस्याग्रस्त था और उनके दैनिक जीवन में इसकी वजह से हस्तक्षेप या भावनात्मक संकट उत्पन्न हो रहा हो, ऐसे मामलों में इरेक्शन की समस्याएं अधिक आम थीं।

जबकि बहुत अधिक पोर्न को परिभाषित करना मुश्किल हो सकता है, परन्तु दिसंबर 2016 में जर्नल ऑफ सेक्सुअल मेडिसिन स्टडीज के 830 पुरुषों और महिलाओं पर हुए अध्ययन में पोर्न उपयोगकर्ताओं के कुछ प्रोफाइल का वर्णन किया।

लेखकों ने 76% प्रतिभागियों को “मनोरंजक” उपयोगकर्ताओं के रूप में वर्गीकृत किया, जिन्होंने औसतन हर हफ्ते लगभग 24 मिनट पोर्न का उपयोग किया। यह ग्रुप में उनके यौन संबंधों से संतुष्ट होने की अधिक संभावना थी और यौन समस्याएं होने या यौन गतिविधि से बचने की संभावना कम थी।

लगभग 12% प्रतिभागी “बाध्यकारी” साइबरपोर्न उपयोगकर्ता थे। इस ग्रुप ने हर हफ्ते औसतन 110 मिनट पोर्नोग्राफी का इस्तेमाल करते हुए बिताए और अक्सर उनके इस्तेमाल को लेकर परेशानी भी महसूस की। उनके पार्टनर्ड सेक्स से बचने की भी अधिक संभावना थी।

मोटे तौर पर 13% के प्रतिभागी “अत्यधिक व्यथित गैर-बाध्यकारी” श्रेणी में आते हैं। जबकि उन्होंने सबसे कम पोर्न का इस्तेमाल किया (साप्ताहिक औसतन 17 मिनट) परन्तु वे इसके बारे में सबसे अधिक व्यथित थे, कम से कम यौन संतुष्टि महसूस करते थे और सेक्स से बचने के लिए प्रवृत्त होते थे। यह संभव है कि वे पोर्न उपयोग से शर्मिंदा महसूस करते हों और सामाजिक या धार्मिक अस्वीकृति की आशंका भी सदैव उनके मन में बनी रहती हो।

निष्कर्ष

पोर्नोग्राफी अच्छी, बुरी या तटस्थ हो सकती है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि कोई व्यक्ति इसका उपयोग कैसे करता है, व्यक्ति किस प्रकार की पोर्न का सेवन करता है, और उनके उपयोग का उनके रिश्तों और जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है। पोर्नोग्राफी के उपयोग के सकारात्मक और नकारात्मक के आसपास के वर्तमान साक्ष्य मिश्रित हैं। इसका उपयोग करने वाले लोगों को इससे जुड़े कुछ संभावित जोखिमों के बारे में पता होना चाहिए। पार्टनर्स को पोर्नोग्राफ़ी पर चर्चा करनी चाहिए और अगर इसके लगातार उपयोग से समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं तो काउंसलर से बात करने पर विचार अवश्य करना चाहिए।

यदि आप को लगता है कि कोई सेक्स समस्या है तो आप विवान हॉस्पिटल में अपॉइंटमेंट् ले सकते है। हर मरीज़ की व्यक्तिगत जानकारी पूरी तरह गुप्त रखी जाती है । यह एक अत्याधुनिक हॉस्पिटल है जो सेक्शूअल हेल्थ को समर्पित है। हमारे यहाँ अनुभवी सेक्सोलॉजिस्ट की टीम है। यहाँ जयपुर का बेस्ट सेक्सोलॉजिस्ट इन जयपुर  है।

Saturday, 4 September 2021

What causes female orgasmic disorder (FOD)

 


 आईएसएसएम संचार समिति के चिकित्सा पेशेवरों द्वारा समीक्षित

शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों कारक महिला ऑर्गैस्मिक डिसऑर्डर में योगदान कर सकते हैं।ओर्गास्म या चरमोत्कर्ष कैसे महसूस होता है या इस अवस्था तक आने में कितना समय लगता है, यह व्यापक रूप से प्रत्येक महिला में भिन्न हो सकता है। जब किसी को ओर्गास्म संबंधी समस्या होती है, तो चरमोत्कर्ष तक पहुंचने में लंबा समय लग सकता है। महिला ऑर्गैस्मिक डिसऑर्डर के निम्न कारण हो सकते हैं:

चिकित्सकीय स्थितियां: मधुमेह, वैस्कुलर रोग, मल्टीपल स्केलेरोसिस, रीढ़ की हड्डी में चोट और कुछ पैल्विक स्थितियां एक महिला की ओर्गास्म तक पहुंचने की क्षमता में हस्तक्षेप कर सकती हैं। एफओडीको गठिया, थायराइड की समस्या और अस्थमा से भी जोड़ा गया है।

दवाइयां: एंटीडिप्रेसेंट्स [विशेष रूप से सेरोटोनिन रयूपटेक इनहिबिटर (एसएसआरआई)], एंटीसाइकोटिक्स और कैंसर, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग के लिए ली जाने वाली दवाइयों से यौन दुष्प्रभाव हो सकते हैं जो संभोग क्रिया को प्रभावित करते हैं।

यौन अनुभवहीनता: कुछ महिलाओं ने यह सीखा ही नहीं कि किस प्रकार की उत्तेजना उन्हें ओर्गास्म तक ले जाती है। या हो सकता है कि वे यह नहीं जानती हों कि अपने साथी से इस बारे में कैसे बात करें कि उन्हें किससे आनंद मिलता है।

सेक्स के बारे में आपराधिक भावनाएं: हो सकता है कि महिलाओं को यह विश्वास दिलाया गया हो कि उन्हें सेक्स का आनंद नहीं लेना चाहिए, इसलिए वे इस क्रिया में शामिल होने के लिए खुद को दोषी या "गलत" महसूस करती हैं।

चिंता और अवसाद: एक महिला सेक्स के बारे में इतनी चिंतित महसूस कर सकती है कि वह ओर्गास्म करने के लिए पर्याप्त शिथिल महसूस करने में असमर्थ होती है। या वह नकारात्मक घटनाओं पर इतना अधिक ध्यान केंद्रित करती है कि वह उस "पल में" होने और उत्तेजना का आनंद लेने में असमर्थ होती है। कुछ महिलाओं के लिए, शरीर की खराब छवि चिंता का कारण बन जाती है। कुछ महिलाओं को संभोग के दौरान आत्म नियंत्रण खोने का डर होता है।

रिश्तों से सम्बंधित समस्याएँ: अपने साथी के साथ मतभेद एक महिला की संभोग सुख तक पहुंचने की संभावना को कम कर सकता है। यह रिश्ते में यौन समस्याएँ, सामान्य संबंध समस्याएँ, क्रोध, अविश्वास या संवाद करने में असमर्थता के कारण भी हो सकता है।

अतीत में हुआ दुर्व्यवहार: जिन महिलाओं का शारीरिक, मानसिक या यौन शोषण हुआ है, उन्हें अक्सर संभोग सुख की समस्या होती है।

यदि आपको लगता है कि आपको ओर्गास्म संबंधी समस्या है, तो आपको अपने डॉक्टर से अवश्य मिलना चाहिए। आपका डॉक्टर आपकी स्थिति का निदान करने और उचित उपचार योजना प्रदान करने में आपकी सहायता करेगा। अपने चिकित्सक से परामर्श लेने से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि आप फिर से यौन क्रिया का पूरी तरह से आनंद ले सकें।

जांच के दौरानआपका डॉक्टर आपके यौन इतिहास के बारे में प्रश्न पूछेगा और एक शारीरिक परीक्षण भी करेगा। आपकी प्रतिक्रियाएं और परीक्षा परिणाम संभोग संबंधी समस्याओं के किसी भी अंतर्निहित कारणों को प्रकट करेंगी और अन्य कारकों की पहचान करने में भी मदद होगी।आपका डॉक्टर आपको पूर्ण रूप से जांच हेतु स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास भेज सकता है जो संभोग रोग के लिए उपचार की सिफारिश कर सकता है।

अगर पति पत्नी के आपसी रिश्तों में समस्या है तो काउंसलिंग भी एक उपचार विकल्प हो सकता है जो अत्यंत लोकप्रिय है। एक काउंसलर आपको और आपके साथी को किसी भी असहमति या संघर्ष के दौरान भी साथ काम करने में मदद करेगा। यह परामर्श रिश्तों मे और बेडरूम में हो रहे सभी मुद्दों को हल करने में मदद कर सकता है।

संभोग करने में असमर्थता निराशाजनक हो सकती है और आपके रिश्ते पर असर डाल सकती है। हालाँकि, आप उचित उपचार के साथ चरमोत्कर्ष तक पहुँचने में सक्षम हो सकते हैं।

यदि आप को लगता है कि कोई सेक्स समस्या है तो आप विवान हॉस्पिटल में अपॉइंटमेंट् ले सकते है। हर मरीज़ की व्यक्तिगत जानकारी पूरी तरह गुप्त रखी जाती है । यह एक अत्याधुनिक हॉस्पिटल है जो सेक्शूअल हेल्थ को समर्पित है। हमारे यहाँ अनुभवी सेक्सोलॉजिस्ट की टीम है। यहाँ जयपुर का बेस्ट सेक्सोलॉजिस्ट हॉस्पिटल है।

How can men with a history of Coronavirus infection be affected by sexual problems?



 कोविड -19 संक्रमण के इतिहास वाले पुरुष यौन समस्याओं से कैसे प्रभावित हो सकते हैं?

आईएसएसएम संचार समिति के चिकित्सा पेशेवरों द्वारा समीक्षित

कोविड -19 पर शोध जारी है और वैज्ञानिक अभी भी इस बात का अध्ययन कर रहे हैं कि वायरस कामुकता को कैसे प्रभावित करता है।

हालाँकि कुछ अध्ययन उन पुरुषों से जुड़े मुद्दों पर सुझाव देते हैं जिन्हें कोविड -19 संक्रमण हुआ है या वे इससे उबर रहे हैं।

  • नपुंसकता: कुछ पुरुषों ने इरेक्शन प्राप्त करने और संभोग के लिए पर्याप्त कठोर लिंग रखने में असमर्थ होने की बात कही है।
  • अनोर्गास्मिया: मामले की रिपोर्ट में उन पुरुषों पर चर्चा की गई है जो कोविड -19 से उभरने के बाद संभोग सुख तक नहीं पहुंच पाए थे। प्रत्येक मामले में, स्थिति अस्थायी थी और दो सप्ताह के भीतर ये स्थिति नियंत्रित भी हो गई।
  • शीघ्रपतन: विशेषज्ञों ने उन पुरुषों के मामलों के बारे मे चर्चा की है जिनका अपनी इच्छा से पहले ही स्खलन हो जाता है।

वैज्ञानिकों को पूरी तरह से यह समझने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है कि यौन सुख के मुद्दों से कोविड -19 को कैसे जोड़ा जा सकता है। हालांकि, अध्ययनों से पता चलता है कि निम्नलिखित कारक शामिल हो सकते हैं:

  • कोविड -19 के कारण हुए सूजन और संवहनी प्रभाव लिंग के इरेक्शन में हस्तक्षेप कर सकते हैं। लिंग को मजबूत इरेक्शन के लिए अच्छा रक्त प्रवाह आवश्यक होता है। यदि रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त या अवरुद्ध हो जाती हैं, तो लिंग में कम रक्त प्रवाहित हो सकता है। परिणामस्वरूप, इरेक्शन कमजोर हो सकता है या यह बिल्कुल भी नहीं हो सकता है।
     
  • कोविड-19 के इतिहास वाले पुरुषों के वृषण (अंडकोष) में कोविड-19 वायरस पाया गया है। वृषण शुक्राणु कोशिकाओं और टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन करते हैं, जो पुरुषों के यौन कार्य के लिए महत्वपूर्ण है। यह संभव है कि कोविड -19 कम टेस्टोस्टेरोन, कम शुक्राणुओं की संख्या और खराब शुक्राणु गतिशीलता (आंदोलन) को जन्म दे सकता है। कोविड -19 के इतिहास वाले पुरुषों को ऑर्काइटिस (एक या दोनों अंडकोष की सूजन) का भी अधिक खतरा हो सकता है।
     
  • वैज्ञानिकों ने यह भी पता लगाया है कि कोविड -19 वाले पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, विशेष रूप से ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन का उच्च स्तर और टेस्टोस्टेरोन का निम्न स्तर। ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन टेस्टोस्टेरोन उत्पादन को ट्रिगर करने में मदद करता है लेकिन उच्च स्तर टेस्टिकुलर क्षति का संकेत दे सकता है।
     
  • कोविड -19 और इससे उभरना आपके पूरे शरीर पर भारी पड़ सकता है। "लॉन्ग कोविड" वाले लोगों में वायरस होने के महीनों बाद तक थकान जैसे लक्षण हो सकते हैं। समय के साथ ये स्वास्थ्य प्रभाव यौन क्रिया को भी प्रभावित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, कोविड के बाद सांस की समस्या वाले लोग सेक्स के लिए बहुत थके हुए हो सकते हैं या यौन क्रिया के दौरान सांस की कमी हो सकती है।
     
  • कोविड -19 का मनोवैज्ञानिक प्रभाव कामुकता को भी प्रभावित करता है। महामारी से मुकाबला करने के दौरान अत्यधिक तनाव, चिंता और अवसाद हो सकता है। बदले में ये भावनाएँ सेक्स ड्राइव को कम कर सकती हैं या रिश्ते में टकराव पैदा कर सकती हैं।

समस्या से बचाव हेतु पुरुष क्या कर सकते हैं:

  • स्वस्थ रहने की पूरी कोशिश करें: अपने समुदाय में कोविड -19 के दिशानिर्देशों का पालन करें और जितनी जल्दी हो सके वैक्सीन प्राप्त करें। इसके अलावा, सुनिश्चित करें कि आप स्वस्थ एवं पौष्टिक आहार का सेवन करें, जितना हो सके व्यायाम करें और पर्याप्त नींद लें। वीडियो चेट सेवाओं के माध्यम से परिवार और दोस्तों के संपर्क में रहना आपके उत्साह को बढ़ा सकता है।
     
  • यौन समायोजन करने पर विचार करें: यदि सांस फूलने की समस्या आपके या आपके साथी के लिए है, तो ऐसी यौन स्थितियाँ आज़माएँ जो छाती पर दबाव को कम करें। यदि आप में से कोई भी थका हुआ महसूस कर रहा है, तो गतिविधि से ब्रेक लें। जब आपके पास अधिक ऊर्जा हो तो आप हमेशा सेक्स करने के लिए वापस जा सकते हैं।
     
  • अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें: यदि आपको यौन समस्या हो रही है तो अपने डॉक्टर को बताएं। वे उपचार का सुझाव दे सकते हैं या यदि आवश्यक हो तो आपको किसी अन्य पेशेवर जैसे परामर्शदाता या सेक्स थेरेपिस्ट के पास भी भेज सकते हैं।
     
  • जल्द से जल्द टीका लगवाएं: यह आपके शरीर को सही एंटीबॉडी का उत्पादन करने में मदद करेगा और रक्त वाहिकाओं की क्षति को कम कर सकता है। इसलिए सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करना, जारी रखना बहुत महत्वपूर्ण है, साथ ही इस दौरान मास्क पहने रहें और लोगों के समूह से बचें और अपने आसपास के लोगों की रक्षा करें।

यहां तक ​​कि अगर आपको COVID-19 नहीं भी हुआ हो, तो भी इस महामारी के कारण बाधित दिनचर्या का तनाव आपके यौन जीवन पर अप्रत्याशित प्रभाव डाल सकता है। दिमाग का सही फ्रेम में होना यौन गतिविधि में शामिल होने और इरेक्शन हासिल करने में सक्षम होने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। तनाव, चिंता और अवसाद इरेक्टाइल डिसफंक्शन के संभावित कारण हो सकते हैं। जैसे-जैसे ये भावनाएं लंबे समय तक महामारी के दौरान बढ़ जाती हैं, वैसे-वैसे अधिक पुरुष भी यौन सुख में हताशा का अनुभव कर सकते हैं।

यदि आप को लगता है कि कोई सेक्स समस्या है तो आप विवान हॉस्पिटल में अपॉइंटमेंट् ले सकते है। हर मरीज़ की व्यक्तिगत जानकारी पूरी तरह गुप्त रखी जाती है । यह एक अत्याधुनिक हॉस्पिटल है जो सेक्शूअल हेल्थ को समर्पित है। हमारे यहाँ अनुभवी सेक्सोलॉजिस्ट की टीम है। यहाँ जयपुर का बेस्ट सेक्सोलॉजिस्ट हॉस्पिटल है।

How does hysterectomy affect sexual functions and health?


 हिस्टेरेक्टॉमी यौन क्रिया और स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है?


आईएसएसएम संचार समिति के चिकित्सा पेशेवरों द्वारा समीक्षित

सेक्स, एक रिश्ते का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, लेकिन कुछ प्रकार की सर्जरी से यौन समस्याएं विकसित हो सकती हैं। इन मुद्दों के निवारण हेतु कई अलग-अलग प्रकार के उपचार,  थेरेपी या उपकरण, परामर्श आदि  सहायक हो सकता है।

जब एक महिला को हिस्टेरेक्टॉमी होती है, तो उसके गर्भाशय को सर्जरी द्वारा हटा दिया जाता है। यदि आवश्यक हो तो  अन्य प्रजनन अंग जैसे गर्भाशय ग्रीवा, फैलोपियन ट्यूब या अंडाशय को भी हटाया जा सकता है। हिस्टेरेक्टॉमी कैंसर, गर्भाशय फाइब्रॉएड, एंडोमेट्रियोसिस और पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स सहित कई कारणों से किया जाता है।

हिस्टेरेक्टॉमी के बाद महिला के शरीर में कई बदलाव होते हैं। कुछ महिलाओं को राहत मिलती है तो दूसरी ओर कुछ महिलाएं ये मानने लगती हैं कि हिस्टेरेक्टॉमी उनके यौन जीवन पर बाधा डाल देगी और उदास हो जाती हैं। हालांकि, कई महिलाओं के लिए, हिस्टेरेक्टॉमी के बाद सेक्स वास्तव में बेहतर हो जाता है।

हिस्टेरेक्टॉमी के प्रकार पर शारीरिक परिवर्तन निर्भर करता है। सभी हिस्टेरेक्टॉमी सर्जरी समान नहीं होती हैं। ये प्रक्रियायें आपके यौन जीवन को अलग अलग तरह से प्रभावित कर सकती है।

यौन क्रिया पर हिस्टेरेक्टॉमी के प्रभाव

हिस्टेरेक्टॉमी योनि को छोटा करता है और जननांग क्षेत्र में सुन्नता पैदा कर सकता है। इससे महिला की सेक्स लाइफ प्रभावित हो सकती है।

कुछ मामलों में, योनि सेक्स के साथ कैंसर, दर्द या रक्तस्राव का कारण बनता है। एक हिस्टेरेक्टॉमी उन लक्षणों को रोकने में मदद कर सकती है, और सर्जरी के बाद एक महिला के यौन जीवन में सुधार हो सकता है।

कुछ महिलाओं को लगता है कि उनकी यौन क्रिया में सुधार होता है क्योंकि दर्द, असामान्य एवं असंयमित रक्तस्राव और आंत्र समस्याओं जैसे लक्षण अक्सर बेहतर हो जाते हैं। वे अधिक आत्मविश्वास, कम उदास और कम चिंतित महसूस कर सब सकतीं हैं, जिससे कामुकता में सुधार आ सकता है।

कुछ महिलाओं के लिए, गर्भाशय ग्रीवा के खिलाफ दबाव और गर्भाशय का संकुचन ही यौन सुख की कुंजी हैं। परन्तु गर्भाशय और गर्भाशय ग्रीवा को हटाने से इन महिलाओं के लिए सेक्स कम सुखद हो सकता है।

यदि किसी महिला के अंडाशय हटा दिए गए हैं, तो उसका शरीर अब उतना एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन, दो हार्मोन जो यौन क्रिया के लिए महत्वपूर्ण हैं, का उत्पादन नहीं करेगा। कम एस्ट्रोजन का स्तर योनि को प्रभावित करता है। आमतौर पर एस्ट्रोजन योनि के टिश्यू को लोचदार और नम रखता है। लेकिन कम एस्ट्रोजन के साथ योनि भंगुर और शुष्क हो सकती है। खराब योनि लुब्रीकेशन संभोग को असहज और कभी-कभी दर्दनाक बना सकता है। बेचैनी की आशंका महिलाओं के लिए सेक्स के दौरान आनंद को भी मुश्किल बना सकती है।

जिन महिलाओं को योनि में लुब्रीकेशन की समस्या है  उन्हें अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श लेना चाहिए। कभी-कभी बेहतरीन यौन सुख के लिए बस एक लुब्रीकेशन की ही आवश्यकता होती है। कई मामलों में डॉक्टर हार्मोन थेरेपी भी सुझा सकते हैं।

हिस्टेरेक्टॉमी के बाद एक महिला को अपने शरीर की छवि के साथ भी संघर्ष करना पड़ सकता है। सर्जरी के बाद उसे अब मासिक धर्म नहीं होते हैं और वह गर्भवती भी नहीं हो सकती है। इन परिवर्तनों से यौन इच्छा में कमी हो सकती है। कुछ महिलाओं को लगता है कि यह बात उन्हें योनी में कम लुब्रीकेशन देती है या उन्हें कम "पूर्ण" बनती है। ऐसे भावनात्मक मुद्दे कामुकता पर भारी पड़ सकते हैं लेकिन एक चिकित्सक या परामर्शदाता हमेशा ही मदद कर सकता है।

उपचार एवं सुझाव:

महिलाओं को हमेशा अपने साथी और डॉक्टर के साथ हिस्टेरेक्टॉमी से जुड़े यौन प्रभावों पर खुल कर चर्चा करनी चाहिए। किसी अन्य महिला से, जिसे हिस्टेरेक्टॉमी हुई हो, बात करना भी मददगार हो सकता है। इस प्रक्रिया के बाद शारीरिक बदलाव के लिए खुद को तैयार कर देने से महिलाओं को किसी भी चुनौती के लिए स्वयं को और अपने साथी को तैयार करने में मदद मिल सकती है।

जब आप प्रक्रियाओं या उपचार की प्रक्रिया से गुजरते हैं, तो इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि आपके यौन जीवन में क्या बदल रहा है और आप उपचार के बाद किस तरह के बदलाव की अपेक्षा रखते हैं। यदि डॉक्टर आपकी किसी समस्या के बारे में नहीं जानेंगे, तो वे इसे प्रबंधित करने में आपकी सहायता भी नहीं कर पाएंगे।

यदि आप को लगता है कि कोई सेक्स समस्या है तो आप विवान हॉस्पिटल में अपॉइंटमेंट् ले सकते है। हर मरीज़ की व्यक्तिगत जानकारी पूरी तरह गुप्त रखी जाती है । यह एक अत्याधुनिक हॉस्पिटल है जो सेक्शूअल हेल्थ को समर्पित है। हमारे यहाँ अनुभवी सेक्सोलॉजिस्ट की टीम है। यहाँ जयपुर का बेस्ट सेक्सोलॉजिस्ट हॉस्पिटल है।

Why is good sleep important for sexual health?



 यौन स्वास्थ्य के लिए अच्छी नींद क्यों जरूरी है?

आईएसएसएम संचार समिति के चिकित्सा पेशेवरों द्वारा समीक्षित

नींद का सेहत पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है। यह स्वास्थ्य का एक स्तंभ है जो शरीर की लगभग हर प्रक्रिया और प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण है।

नींद सेक्स को कैसे प्रभावित करती है?

नींद और सेक्स दोनों की समग्र स्वास्थ्य में प्रमुख भूमिका के बावजूद उनके बीच के संबंधों को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। स्वास्थ्य विज्ञान में सेक्स और नींद के बीच सम्बन्ध के अध्ययन से यह निष्कर्ष निकला है कि अच्छी नींद बेहतर यौन जीवन को बढ़ावा दे सकती है और एक स्वस्थ यौन जीवन बेहतर नींद की सुविधा प्रदान कर सकता है। संपूर्ण अच्छे स्वास्थ्य और साथ में बेहतर यौन स्वास्थ्य के लिए अच्छी नींद आवश्यक है।

नींद की कमी से स्वास्थ्य खराब हो सकता है, जिससे हृदय रोग, मोटापा, उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों के लिए व्यक्ति का जोखिम बढ़ सकता है।

अपर्याप्त और खंडित नींद तनाव और चिंता जैसी स्थितियों को बढ़ा सकती है। तनाव से कोर्टिसोल का स्राव होता है, एक हार्मोन जो टेस्टोस्टेरोन को कम करता है और पुरुषों और महिलाओं की सेक्स ड्राइव को रोकता है। रात की अच्छी नींद हमारे शरीर को तनाव से बेहतर तरीके से निपटने में मदद करती है।

मानसिक स्वास्थ्य विकारों के अलावा, खराब नींद से भावनात्मक और रिश्ते संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं जो यौन स्वास्थ्य में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं।

नींद और पुरुषों एवं महिलाओं में यौन क्रिया:

टेस्टोस्टेरोन: पुरुष के शरीर में ज्यादातर टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन सोते समय होता है। यह हार्मोन उसके यौन क्रिया को बढ़ावा देने से लेकर इरेक्शन बनाने तक उसके यौन कार्य में बड़ी भूमिका निभाता है। जब पुरुष पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो उनके टेस्टोस्टेरोन का स्तर गिर जाता है और इससे यौन समस्याएं हो सकती हैं।

निर्णय: नींद की कमी को पुरुषों में खराब यौन निर्णय से जोड़ा गया है। (कॉलेज के छात्रों के एक अध्ययन में, नींद से वंचित पुरुष, महिलाओं की यौन रूचि को गलत ठहराते हैं परन्तु इसका उल्टा सच नहीं था अर्थात नींद से वंचित महिलाओं ने पुरुषों की यौन रुचि को गलत नहीं ठहराया।)

इच्छा और उत्तेजना: शोध बताते हैं कि पार्टनर के साथ रहने वाली महिलाएं रात की अच्छी नींद के बाद अगले दिन यौन क्रिया की अधिक इच्छा महसूस करती हैं। अर्थात जो लोग अधिक देर तक सोते हैं वे अधिक उत्तेजित महसूस करते थे और अगले दिन यौन संबंध बनाने की अधिक संभावना भी रखते हैं।

संतुष्टि: पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं के एक अध्ययन में पाया गया कि जो महिलाऐं गंभीर अनिद्रा से पीड़ित हैं और जो हर रात सात घंटे से कम सोती हैं, उनमें यौन संतुष्टि की संभावना कम होती है।

अलग कमरे: नींद की समस्या और विकार अक्सर लोगों को अलग बिस्तर या कमरा उपयोग करने पर विवश कर देती है। जब ऐसा होता है, तो अंतरंग संबंधों में गिरावट शुरू हो सकती है क्योंकि ज्यादातर लोग सोने से पहले बिस्तर में यौन गतिविधि शुरू करते हैं।

नींद और सेक्स दोनों को बढ़ाने के उपाय

पर्याप्त नींद का मिलना सेक्स के लिए अत्यंत आवश्यक है। परन्तु कभी-कभी पर्याप्त नींद मिलना भी इतना आसान नहीं होता। इसके लिए स्वच्छता की आदतों को अपनाना चाहिए जैसे एकदम रिलैक्स होकर सोने की आदत और सोते समय इलेक्ट्रॉनिक्स का उपयोग कम करना मदद कर सकता है।

नींद की समस्या के लिए डॉक्टर के पास जाना एक अन्य विकल्प है। कभी-कभी अवरोधक नींद, एपनिया जैसी समस्याएं उचित आराम में बाधा डालती हैं। इसलिए डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है जिससे उचित समाधान मिल सके।

ब्लैकआउट परदे, स्लीप मास्क, व्हाइट नॉइज़ मशीन और हेडफ़ोन या इयरप्लग का उपयोग करके शोर या प्रकाश से नींद में व्यवधान के स्रोतों को समाप्त करना एक उपाय हो सकता है।

हर दिन एक ही जागने का और सोने का समय निश्चित करना भी आवश्यक है जिससे शरीर में उर्जा का संचालन होता रहे क्योंकि अधिक ऊर्जा बेहतर यौन प्रदर्शन के लिए आवश्यक होती है।

रात में नींद में बाधा डालने वाली चीजों से बचना चाहिए जैसे शराब, तंबाकू, कैफीन, देर से और भारी भोजन, दोपहर या शाम को लंबी झपकी आदि।

नियमित, संतोषजनक सेक्स आपके यौन स्वास्थ्य में सुधार के साथ आपके समग्र स्वास्थ्य को भी सुधार सकता है और बेहतर नींद प्रदान कर सकता है।

किसी भी स्थिति में जोड़ों को इस विषय पर आपस में बात करनी चाहिए ताकि वे अपने यौन संबंधों को हमेशा मजबूत बनाये रख सकें।

यदि आप को लगता है कि कोई सेक्स समस्या है तो आप विवान हॉस्पिटल में अपॉइंटमेंट् ले सकते है। हर मरीज़ की व्यक्तिगत जानकारी पूरी तरह गुप्त रखी जाती है । यह एक अत्याधुनिक हॉस्पिटल है जो सेक्शूअल हेल्थ को समर्पित है। हमारे यहाँ अनुभवी सेक्सोलॉजिस्ट की टीम है। यहाँ जयपुर का बेस्ट सेक्सोलॉजिस्ट हॉस्पिटल है।

What is Klinefelter Syndrome? How it Affects your Sexual Health?

 

यह यौन स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है?

आईएसएसएम संचार समिति के चिकित्सा पेशेवरों द्वारा समीक्षित

क्या है क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम?

क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम यौन विकास (डीएसडी) का एक विकार है जिसमें एक बच्चा जो आनुवंशिक रूप से पुरुष है (या जिसका जन्म के समय लिंग पुरुष है) एक अतिरिक्त एक्स गुणसूत्र के साथ पैदा होता है।

जब एक भ्रूण बनता है, तो उसका जैविक लिंग प्रत्येक माता-पिता से प्राप्त गुणसूत्रों के आधार पर विकसित होता है। माँ एक एक्स गुणसूत्र का योगदान करती है जबकि पिता एक एक्स या वाई गुणसूत्र का योगदान देता है। वाई क्रोमोसोम में पुरुष विकास के लिए आनुवंशिक डेटा होता है, इसलिए पुरुष शिशुओं में आमतौर पर एक XY गुणसूत्र संयोजन होता है। (महिलाओं का XX संयोजन है)।

क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम में, भ्रूण को एक अतिरिक्त एक्स गुणसूत्र प्राप्त होता है। नतीजतन, बच्चे का क्रोमोसोम मेकअप XXY होता है। बच्चे को जैविक रूप से पुरुष माना जाता है, लेकिन अतिरिक्त एक्स गुणसूत्र पुरुष विशेषताओं के पूर्ण विकास को प्रभावित करता है।

क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम वाले अधिकांश पुरुषों के लिए, सभी कोशिकाओं में अतिरिक्त एक्स गुणसूत्र पाया जाता है। यदि अतिरिक्त गुणसूत्र केवल कुछ कोशिकाओं में मौजूद है, तो लड़के को मोज़ेक क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम कहा जाता है। दुर्लभ मामलों में, एक से अधिक अतिरिक्त X गुणसूत्र पाए जाते हैं।

विशेषज्ञों का अनुमान है कि क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम 650 पुरुषों में से लगभग 1 को प्रभावित करता है।

क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम अनुवांशिक नहीं होता है, लेकिन आमतौर पर प्रजनन कोशिकाओं (अंडे और शुक्राणु) के निर्माण के दौरान एक यादृच्छिक घटना के रूप में होता है।

क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम एवं यौन स्वास्थ्य

अतिरिक्त एक्स गुणसूत्र के कारण, क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम वाले व्यक्ति अलग तरह से प्युबरटी का अनुभव करते हैं। कुछ के लिए प्युबरटीमें देरी होती है या नहीं होती है।

दूसरों के लिए, माध्यमिक यौन लक्षण पूरी तरह से विकसित नहीं होते हैं। उदाहरण के लिए, क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम वाले युवा किशोरों के चेहरे पर उनके साथियों की तुलना में कम बाल हो सकते हैं। उनके अंडकोष और लिंग औसत से छोटे हो सकते हैं। कुछ में स्तन विकसित होते हैं (गाइनेकोमास्टिया) और उच्च स्वर वाली आवाजें होती हैं।

वयस्कों के रूप में, क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम वाले व्यक्तियों में आमतौर पर टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होता है। नतीजतन, उनकी सेक्स ड्राइव कम हो सकती है और वे स्तंभन दोष विकसित कर सकते हैं। उनके पास अपने साथियों या लिंग वाले अन्य व्यक्तियों की तुलना में कम मांसपेशियों और कम ऊर्जा हो सकती है।

एक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के मार्गदर्शन में इन लक्षणों का अक्सर टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के साथ इलाज किया जा सकता है। क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम वाले कुछ व्यक्ति युवावस्था में टेस्टोस्टेरोन लेना शुरू कर देते हैं।

क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम वाले पुरुषों के लिए बांझपन एक और आम समस्या है। कई पुरुष शुक्राणु पैदा नहीं करते हैं और यदि वे करते हैं, तो उसकी मात्र कम होती है।

हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम वाले पुरुष परिवार शुरू नहीं कर सकते हैं। यदि अंडकोष में शुक्राणु मौजूद हैं, तो विशेषज्ञ उन्हें बायोप्सी सुई से निकालने में सक्षम होते हैं। फिर शुक्राणु को अंडों में इंजेक्ट किया जा सकता है। अन्य विकल्प के रूप मे जोड़े किसी डोनर के शुक्राणु का उपयोग करने या बच्चा गोद लेने पर भी विचार कर सकते हैं।

क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम वाले पुरुषों में अन्य स्वास्थ्य स्थितियां हो सकती हैं जो कामुकता को प्रभावित करती हैं, जैसे चिंता, अवसाद, हृदय रोग, मधुमेह और उच्च रक्तचाप।

क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम समस्या गंभीर नहीं है, लेकिन यदि आवश्यक हो तो इसका उपचार कुछ लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।

कई मामलों में, यह केवल तभी पता लगाया जाता है जब इस समस्या वाले व्यक्ति का प्रजनन परीक्षण होता है।

क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम का निदान

क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम का निदान अक्सर लक्षण और लक्षणों की उपस्थिति के आधार पर किया जाता है। निदान की पुष्टि के लिए अतिरिक्त परीक्षण का आदेश दिया जा सकता है। इसमें आम तौर पर एक गुणसूत्र विश्लेषण (कैरियोटाइप) शामिल होता है।

क्योंकि क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम के लक्षण कभी-कभी बहुत हल्के हो सकते हैं, बहुत से लोगों का कभी निदान या उपचार नहीं किया जाता है। जब निदान किया जाता है, तो उपचार प्रत्येक व्यक्ति में मौजूद संकेतों और लक्षणों पर आधारित होता है।

यदि आपको क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम है, तो अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से नियमित रूप से परामर्श सुनिश्चित करें।


Monday, 23 August 2021

10 Foreplay tips to improve sex life


Foreplay is like driving a car on highway. First gear to top gear slowly which results in a proper ride. It has some similes with love making. Human body normally is not ready for intercourse, all the time. There are psychological and physiological changes necessary for preparing the body for intercourse and proper enjoyment.

Generally internet is full of such tips who tell you about female anatomy especially the clitoris and G-spot. No doubt these are very sensitive organs, but limiting oneself to these areas will not result in a fully satisfying sex.

Here are some tips for foreplay so as to result in satisfying sex.

1. Please remember the biggest sex organ in human body is brain. Women need right kind of stimuli for their brain centers to generate impulses for sexual desire.

2. The best source for stimulation in a woman is her body; that is a sensual touch of the person she loves, trusts and respects, is most likely to produce sexual desire. So don't jump onto clitoris and G-spot directly. So you have to touch the maximum areas on the body of a woman to prepare her for intercourse.

3. You should touch her body where she likes the most. The touch should be gentle and sensual, may be slowly increasing in intensity and pace because every woman has preferences for some types of touch, where as she may not like other types of touch.

4. Do not touch the clitoris directly. It can be painful because it is very sensitive. You should rotate your fingers over clitoral area touching it intermittently and making sure there is enough lubrication on clitoris. You can use your saliva directly by your tongue or by fingers. The firmness should be as per liking of the women.

5. Multiple stimulation is the best technique. You can stimulate breast with one hand and vulva or clitoris with the other hand. That means you should try to stimulate more than one areas at one time, but it should be in gentle movements.

6. Do not force any activity which she does not like. Some women may not like oral sex or anal stimulation. Touching her body with her permission is the best policy.

7. You should try to experiment with different types of touch. Doing the same routine again and again will lower the level of stimulation, so the response in the woman may not be the same as it was previously.

8. Do not be in a hurry to enter her vagina with your penis. Do it when she is ready. She may indicate her readiness either directly or indirectly. Many couples form their own ways to indicate when she is ready.

9. Please remember there can be variable response to the same type of touch, at different times. Don't be disappointed or frustrated if the response is not as great as last time, because it depends a lot on her mood and physical state of the body. Tiredness and bad mood will cause poor response.

10. Do not set a goal for sex. Most couples believe that woman must get orgasm, if the man is a competent lover. It is self defeating. Normally more than 20 to 25% women have no orgasm and a large number of women who had no experience with masturbation may not know what orgasm is. The goal should be a relaxing enjoyable experience with sex.

If you have signs or symptoms of any type of sexual health issues, talk to an expert sexologist. They have a team of experienced doctors. Consult with the best sexologist in Jaipur to solve erectile dysfunction, Erection Problems, Early Ejaculation or delayed / no ejaculation , feeling of orgasmic pleasure which may be reduced in men or women, reduced satisfaction, pain during sex and more sexual health issues. "Dr. Saatiish Jhuntrraa" is one of the best Sexologist in Jaipur.  He have 28 years of experience and treated more than 50000 patients. 

Tuesday, 27 July 2021

Erectile Dysfunction Treatment

 

WHAT IS ERECTILE DYSFUNCTION?

ED is the inability to get a hard penis on sexual arousal or inability to maintain the hardness till completion of sexual intercourse .

 Erectile dysfunction (ED) is a common multifactorial Dysfunction affecting 40% of men over age of 40 years and 70% above 70 years. With increasing incidences of life style diseases like Hypertension, Diabetes, Cardiac Problem, Obesity, Sedentary life style and drug abuse, incidences of ED are increasing day by day.

It is traditionally divided in two types: Psychological and Physical. Most of cases have a mixed bag of causes .

 Not discussing your problem with right person or taking advice from a quack can be disastrous.

Causes of Erectile Dysfunction;-

Most common cause is Reduced Blood Flow to penis at the time of arousal. It is just like your heart beat: when you do the exercise, more blood flow is required by heart. Similarly, erection needs 10-15 times more blood flow into penis. If it is impaired due to any reason, you are likely to have ED

  1. Stress
  2. Anxiety
  3. Depression
  4. Obesity
  5. Smoking & Tobacco chewing
  6. Lack of exercise
  7. Alcohol abuse
  8. Diabetes
  9. Heart diseases
  10.  High blood pressure
  11.  Neurological diseases
  12.  Vascular diseases
  13.  High cholesterol
  14.  Relationship problems
  15. Medicines used to treat many physical problems

As ED is a multifactorial disorder, it is important to  find out the possible factors contributing to ED in every case.

Investigations:-

  1. For Assessment of Blood Flow : - Combined intracavernosal injection of Vasoactive substance and Stimulation test, Rigidometry, Penile Perfusion Index and Penile Doppler are helpful.
  2. For Psychological Factors: - Careful history taking, Questionnaires for different problems are recommended.
  3. For Neurological Factors: - SSEP in Dorsal Nerve of penis is suggested.
  4. For Hormonal Factors:- Blood test is done to determine sex hormone level.
  5. Other Blood Biochemistry:- Like Liver Function Test, Kidney Function Test, Blood Sugar Test are very important.
  6. NPT:- Sometimes we need to find out presence or absence of erection, Its duration; or differentiate psychological type from physical ED. This test is very helpful to differentiate the two conditions. This test is done overnight when an instrument is strapped on your thigh with sensors attached to penis. It records all overnight penile activity; the data once obtained are transferred to a computer and analyzed.

 TREATMENTOF ERECTILE DYSFUNCTION

Counseling:-

In many cases, counseling alone may be quite helpful especially in case where ED is present with one partner but absent with another. It is called Situational ED. Ideally, it should be couple sex counseling. If you are patient enough to wait, it can be quite rewarding.

Medicines:-

There are many medicines available to improve blood flow into penis; the testosterone supplement is also recommended in appropriate cases

Intrapenile Injection:-

Vasoactive substance is injected by a very thin needle ,to be followed by penile stimulation. You can get it injected from the doctor or take in prefilled syringes to be injected by you or your partner before initiating sex

Caution:-  After taking injection, if hardness persists even after 4 hours despite stoppage of sexual stimulation, it can be dangerous and result in Priapism . You should apply ice packs on penis or climb up and down two or three flight of stairs a couple of times. A few pushups may be helpful as well. If the hardness doesn’t subside, rush to an appropriate doctor..   

Vacuum Erection Device (VED):-

In this method, a plastic cylinder is fitted over the penis; and controlled negative pressure created. This pressure helps in retention of blood in the penis. Thereby erections is achieved. A ring is fixed at the base of penis to maintain it for a maximum of 30 minutes. You should remove the ring before 30 minutes, otherwise ischemic changes may damage your penis.

Penile Prosthesis:-

If medicines are contraindicated, or have intolerable side effects, or do not work; If intrapenile inj. are not accepted, or had resulted in priapism- in such  cases penile prosthesis is recommended. This is a very effective, safe , permanent and irreversible mode of treatment. It stays for 12-15 years. You need to stay in hospital for 4-7 days and get training about how to operate the device. You may find a minor change in the size but overall satisfactions level, as reported by the couples, is very good after surgery.

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