आईएसएसएम संचार समिति के चिकित्सा पेशेवरों द्वारा समीक्षित
पोर्नोग्राफी के उपयोग के प्रभाव बहस का विषय रहे हैं। अपने यौन जीवन को और अधिक रोमांचक बनाने के लिए कुछ जोड़े एक साथ पोर्नोग्राफी का उपयोग करते हैं (उदाहरण के लिए एक साथ वीडियो देखना या इरोटिका पढ़ना)। पोर्न का
एक साथ उपयोग जोड़ों को उन तरीकों के बारे में भी ज्ञान प्रदान कर सकता है जिन्हें वे आजमाना चाहते हैं।
हालांकि कुछ लोगों के लिए पोर्नोग्राफी अस्वस्थ भी हो सकती है। निरंतर पोर्नोग्राफ़ी का उपयोग किसी व्यक्ति के रिश्तों, मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक और कार्य संबंधों एवं यौन क्रिया पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।
पोर्नोग्राफी मन की संवेदनाओं को बदल देती है । इसका उपयोग बड़ी आसानी से आदत बन सकता है, जो बदले में गहरी असंवेदनशीलता, ऊब, वास्तविकता के परे विकृत विचारों का जन्म और महिलाओं को सिर्फ एक वस्तु मानने के लिए बाध्य कर देता है। पोर्नोग्राफी के अधिक उपयोग से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम में वृद्धि के साथ सेक्स-आधारित अपराध करने की अधिक संभावना भी शामिल है।
निरंतर पोर्नोग्राफ़ी के उपयोग से उत्पन्न समस्याएं
- मन, शरीर और आत्मा पर प्रभाव: पोर्नोग्राफी की व्यक्तिगत और उसकी सामाजिक कार्यप्रणाली को कमजोर करने की शक्ति शक्तिशाली और गहरी है। अश्लीलता, कामुकता के प्रतिनिधित्व के रूप में ये दृश्य यौन संबंधों की एक व्यक्ति की अवधारणा को विकृत कर देते हैं जो बदले में यौन व्यवहार के साथ साथ आम व्यवहार को भी बदल देते हैं। यह शादी, परिवार, बच्चों और व्यक्तिगत खुशी के लिए एक बड़ा खतरा है।
- रिश्तों से जुडी समस्याएँ: पोर्नोग्राफी का निरंतर उपयोग लोगों की सेक्स से जुडी अवास्तविक उम्मीदें बड़ा सकता है। वे अपने साथी से यौन गतिविधियों के दौरान एक निश्चित तरीके से देखने या कार्य करने की अपेक्षा करने लगते हैं। पार्टनर खुद को अपर्याप्त, असुरक्षित और बहिष्कृत महसूस कर सकते हैं। दंपत्तियों के बीच नाराजगी, तर्क-वितर्क, एक दुसरे के प्रति सम्मान, संवाद और अंतरंगता में कमी हो सकती है।
- यौन संचारित रोग और विवाह से बाहर गर्भावस्था: चूंकि पोर्नोग्राफ़ी यौन व्यवहार और आम व्यवहार को प्रोत्साहित करती है, इसलिए पोर्नोग्राफ़ी के उपयोगकर्ताओं में यौन संचारित रोग होने या विवाह से बाहर गर्भधारण करने की संभावना अधिक होती है। बिना कंडोम के संभोग का पोर्नोग्राफी में चित्रण, यौन संचारित रोग को अनुबंधित करने के लिए एक निमंत्रण है।
- सामाजिक और व्यावसायिक समस्याएं: बहुत अधिक पोर्नोग्राफी का उपयोग कुछ लोगों को अपने दोस्तों और परिवार से खुद को अलग करने का एक बड़ा कारण बन सकता है। उनके काम पर असर पड़ सकता है या उन्हें अपने कार्यस्थल पर पोर्नोग्राफी का उपयोग करने के लिए निकाल दिया जा सकता है। अगर पोर्नोग्राफी पर वे ज़रूरत से ज्यादा पैसा खर्च करते हैं, तो उन्हें आर्थिक परेशानी भी हो सकती है।
- यौन व्यसन: पोर्नोग्राफी अत्यधिक व्यसनी हैं और यौन बाध्यकारी व्यवहार को जन्म दे सकता है (जो जीवन में अन्य प्रमुख कार्यों को करने के लिए एक व्यक्ति की क्षमता को कम करता है)।
- आक्रामकता और दुर्व्यवहार: कभी कभी पोर्नोग्राफी में अश्लील साहित्य का तीव्र उपयोग यौन आक्रामकता को बढावा देता है और इसके लगातार प्रयोग से यौन उदासीनता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- यौन सम्बन्धी समस्याएँ: कुछ पुरुष पोर्नोग्राफी देखते समय हस्तमैथुन करने पर इरेक्शन और स्खलन से जुडी कठिनाइयों का सामना करते हैं। समय के साथ उन्हें लगता है कि वे अपने वास्तविक साथी से असंवेदनशील हो गए हैं। उन्हें ऐसा लग सकता है कि पार्टनर इरेक्शन या ओर्गास्म के लिए “पर्याप्त” नहीं है और उन्हें किसी भी अन्य व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने के लिए पोर्नोग्राफी की आवश्यकता है।
पोर्नोग्राफी पर हुए अध्ययन
जनवरी 2019 में, जर्नल ऑफ सेक्सुअल मेडिसिन पेपर ने पुरुषों के इरेक्शन पर “मात्र” और “समस्याग्रस्त” पोर्नोग्राफ़ी के उपयोग के प्रभावों पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। एक अध्ययन में, जिसमें पोर्नोग्राफी का उपयोग करते हुए 800 से अधिक यौन सक्रिय पुरुष शामिल थे, शोधकर्ताओं ने स्तंभन समस्याओं को “दुर्लभ” बताया। लेकिन जिन पुरुषों ने महसूस किया कि उनका उपयोग समस्याग्रस्त था और उनके दैनिक जीवन में इसकी वजह से हस्तक्षेप या भावनात्मक संकट उत्पन्न हो रहा हो, ऐसे मामलों में इरेक्शन की समस्याएं अधिक आम थीं।
जबकि बहुत अधिक पोर्न को परिभाषित करना मुश्किल हो सकता है, परन्तु दिसंबर 2016 में जर्नल ऑफ सेक्सुअल मेडिसिन स्टडीज के 830 पुरुषों और महिलाओं पर हुए अध्ययन में पोर्न उपयोगकर्ताओं के कुछ प्रोफाइल का वर्णन किया।
लेखकों ने 76% प्रतिभागियों को “मनोरंजक” उपयोगकर्ताओं के रूप में वर्गीकृत किया, जिन्होंने औसतन हर हफ्ते लगभग 24 मिनट पोर्न का उपयोग किया। यह ग्रुप में उनके यौन संबंधों से संतुष्ट होने की अधिक संभावना थी और यौन समस्याएं होने या यौन गतिविधि से बचने की संभावना कम थी।
लगभग 12% प्रतिभागी “बाध्यकारी” साइबरपोर्न उपयोगकर्ता थे। इस ग्रुप ने हर हफ्ते औसतन 110 मिनट पोर्नोग्राफी का इस्तेमाल करते हुए बिताए और अक्सर उनके इस्तेमाल को लेकर परेशानी भी महसूस की। उनके पार्टनर्ड सेक्स से बचने की भी अधिक संभावना थी।
मोटे तौर पर 13% के प्रतिभागी “अत्यधिक व्यथित गैर-बाध्यकारी” श्रेणी में आते हैं। जबकि उन्होंने सबसे कम पोर्न का इस्तेमाल किया (साप्ताहिक औसतन 17 मिनट) परन्तु वे इसके बारे में सबसे अधिक व्यथित थे, कम से कम यौन संतुष्टि महसूस करते थे और सेक्स से बचने के लिए प्रवृत्त होते थे। यह संभव है कि वे पोर्न उपयोग से शर्मिंदा महसूस करते हों और सामाजिक या धार्मिक अस्वीकृति की आशंका भी सदैव उनके मन में बनी रहती हो।
निष्कर्ष
पोर्नोग्राफी अच्छी, बुरी या तटस्थ हो सकती है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि कोई व्यक्ति इसका उपयोग कैसे करता है, व्यक्ति किस प्रकार की पोर्न का सेवन करता है, और उनके उपयोग का उनके रिश्तों और जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है। पोर्नोग्राफी के उपयोग के सकारात्मक और नकारात्मक के आसपास के वर्तमान साक्ष्य मिश्रित हैं। इसका उपयोग करने वाले लोगों को इससे जुड़े कुछ संभावित जोखिमों के बारे में पता होना चाहिए। पार्टनर्स को पोर्नोग्राफ़ी पर चर्चा करनी चाहिए और अगर इसके लगातार उपयोग से समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं तो काउंसलर से बात करने पर विचार अवश्य करना चाहिए।
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